किसान अब गोली खाने को भी तैयार, लद्दाख में चीनी सेना पर मौसम की मार और सभी को नहीं लगानी पड़ेगी कोरोना वैक्सीन
नमस्कार!
नए कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे किसानों के साथ सरकार की बातचीत में कोई नतीजा नहीं निकला। उलटे, किसानों ने कह दिया कि वे गोली तक खाने को तैयार हैं। इधर, ICMR ने यह कहकर चौंकाया है कि अगर क्रिटिकल मास को वैक्सीन लगाकर कोरोना की चेन तोड़ी जा सके, तो पूरे देश को वैक्सीन की जरूरत ही नहीं पड़ेगी।
बहरहाल, शुरू करते हैं न्यूज ब्रीफ।
आज इन इवेंट्स पर रहेगी नजर
- भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच वनडे सीरीज का तीसरा और आखिरी मुकाबला कैनबरा में खेला जाएगा।
- बिहार में सुशील कुमार मोदी राज्यसभा के लिए नॉमिनेशन करेंगे। रामविलास पासवान के निधन से यह सीट खाली हुई थी।
- उत्तर प्रदेश के CM योगी आदित्यनाथ फिल्म सिटी को लेकर मुंबई में बॉलीवुड और टीवी कलाकारों से मुलाकात करेंगे।
देश-विदेश
किसान बोले- अब गोली खाने को भी तैयार
कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे किसानों से मंगलवार को केंद्र सरकार ने 2 फेज में करीब ढाई घंटे बातचीत की। सरकार ने किसानों के सामने मिनिमम सपोर्ट प्राइज (MSP) पर पावर पॉइंट प्रेजेंटेशन दिया। केंद्र ने कहा- नए कानूनों पर चर्चा के लिए कमेटी बने और इसमें केंद्र, किसान और एक्सपर्ट शामिल हों। पर, बात नहीं बनी। अगली बातचीत 3 दिसंबर को होगी। मीटिंग के बाद किसान नेता चंदा सिंह ने कहा- आंदोलन जारी रहेगा। हम कुछ तो हासिल करेंगे, भले गोली हो या फिर शांति से निकला हल।
ICMR ने कहा- सभी को नहीं चाहिए वैक्सीन
अब तक कोरोना वैक्सीन को लेकर सरकार के बयानों से यह माना जा रहा था कि पूरे देश को वैक्सीनेशन की जरूरत पड़ेगी। ICMR के डायरेक्टर जनरल डॉ. बलराम भार्गव ने बुधवार को कहा कि हमारा मकसद कोरोना की ट्रांसमिशन चेन को तोड़ना है। अगर हम थोड़ी आबादी (क्रिटिकल मास) को वैक्सीन लगाकर कोरोना ट्रांसमिशन रोकने में कामयाब रहे तो शायद पूरी आबादी को वैक्सीन लगाने की जरूरत न पड़े। सरकार ने साफ किया है कि कभी भी पूरे देश के लिए वैक्सीनेशन की बात नहीं कही गई थी।
चीन के जवाब में भारत ब्रह्मपुत्र पर डेम बनाएगा
तिब्बत में ब्रह्मपुत्र नदी पर चीन के डैम बनाने के ऐलान के बाद भारत ने उसे करारा जवाब दिया है। सरकार ने अरुणाचल प्रदेश में बड़ा डैम बनाने का प्लान बनाया है। यहां 10 गीगावाट (GW) का हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट भी लगाया जाएगा। ब्रह्मपुत्र नदी तिब्बत से निकलकर भारत के अरुणाचल प्रदेश होते हुए असम से बांग्लादेश तक बहती है। ऐसे में चीनी डैम से पूर्वोत्तर के राज्यों में पानी की कमी हो सकती है या अचानक बाढ़ के हालात बन सकते हैं।
कोरोना पेशेंट के घर पोस्टर लगाने पर सुनवाई
कोरोना संक्रमित के घर के बाहर पोस्टर लगाने के मामले में सुप्रीम कोर्ट में मंगलवार को सुनवाई हुई। कोर्ट ने कहा कि कोरोना मरीजों के घरों पर पोस्टर लगने के बाद उनसे अछूतों जैसा बर्ताव किया जाता है। केंद्र सरकार ने कोर्ट में कहा कि यह जरूरी नियम नहीं है। इसका मकसद कोरोना मरीजों को कलंकित करना नहीं है, बल्कि यह व्यवस्था दूसरों की सुरक्षा के लिए है।
मौसम के आगे मजबूर हुई चीनी सेना
लद्दाख में पड़ने वाली कड़ाके की ठंड ने पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) को रोटेशन पॉलिसी अपनाने के लिए मजबूर कर दिया है। चीनी सैनिक लद्दाख की सर्दी के आदी नहीं हैं, इसलिए फॉरवर्ड पोजिशन पर चीन अपने सैनिकों को रोज रोटेट कर रहा है। वहीं, भारतीय सैनिक उसी जगह पर लंबी तैनाती के लिए पूरी तरह तैयार हैं।
काला हिरण शिकार केस में सलमान को फिर राहत
काला हिरण शिकार केस में सलमान खान मंगलवार को फिर एक बार कोर्ट में पेश नहीं हुए। उन्होंने महामारी का हवाला देकर पेशी से छूट देने के लिए जिला अदालत में अर्जी लगाई थी। अब अगली सुनवाई 16 जनवरी को होगी। कोरोना के दौर में उन्हें आठ महीने में छठवीं बार रियायत दी गई है। उन्होंने इस मामले में अब तक 15वीं बार हाजरी माफी ली है।
भास्कर एक्सप्लेनर
वैक्सीन का इमरजेंसी अप्रूवल
अमेरिकी दवा कंपनियों फाइजर और मॉडर्ना ने अपने-अपने कोरोना वैक्सीन के लिए अमेरिका के साथ ही यूरोपियन यूनियन से अप्रूवल मांगा है। जल्द ही इस पर फैसला हो सकता है। इस बीच, सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया (SII) के CEO अदार पूनावाला ने भी कहा है कि वे भी ऑक्सफोर्ड और एस्ट्राजेनेका के बनाए कोवीशील्ड के लिए भारत में इमरजेंसी अप्रूवल मांगने वाले हैं।
पॉजिटिव खबर
नौकरी छोड़ कमल की खेती से हजारों की कमाई
केरल के रहने वाले राजू ने एर्नाकुलम से नर्सिंग की पढ़ाई की थी। वे कतर में एक लाख रुपए महीने की सैलरी पर नौकरी कर रहे थे। 2019 में इस्तीफा देकर भारत लौटे, तो कहीं नौकरी नहीं मिली। इसके बाद अपने घर पर ही कमल उगाने शुरू किए। राजू 9 महीने में ही कमल की खेती से महीने के 30 से 35 हजार रुपए कमाने लगे हैं।
सबसे महंगी क्रिप्टोकरेंसी
क्रिप्टोकरेंसी बिटकॉइन इस साल रिकॉर्ड लेवल पर पहुंच चुका है। सोमवार को बिटकॉइन में 9% की बढ़ोतरी दर्ज हुई। इसके साथ ही यह 19,860 डॉलर यानी करीब 14 लाख 62 हजार रुपए प्रति यूनिट के इस साल के रिकॉर्ड हाई लेवल पर पहुंच गया है। इससे पहले, दिसंबर 2017 में बिटकॉइन 19,873 डॉलर प्रति यूनिट तक पहुंचा था।
सुर्खियों में और क्या है...
- नॉर्थ कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन और उनके परिवार ने बिना अप्रूवल वाली वैक्सीन लगवाई है। अमेरिकी एनालिस्ट्स ने खुफिया रिपोर्ट्स के आधार पर यह दावा किया।
- दिल्ली की सीमाओं पर आंदोलन कर रहे किसानों का कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने समर्थन किया है। भारतीय विदेश मंत्रालय ने ट्रूडो के इस बयान को खारिज कर दिया है।
- पाकिस्तान की पूर्व प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो की बेटी आसिफा भी सियासत में आ गई हैं। उन्होंने सोमवार को मुल्तान में पाकिस्तान डेमोक्रेटिक मूवमेंट (PDM) की रैली में भाषण दिया।
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